التكوير

تفسير سورة التكوير

الترجمة الهندية

हिन्दी

الترجمة الهندية

ترجمة معاني القرآن الكريم للغة الهندية ترجمها مولانا عزيز الحق العمري، نشرها مجمع الملك فهد لطباعة المصحف الشريف. عام الطبعة 1433هـ.

﴿بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ إِذَا الشَّمْسُ كُوِّرَتْ﴾

जब सूर्य लपेट दिया जायेगा।

﴿وَإِذَا النُّجُومُ انْكَدَرَتْ﴾

और जब तारे धुमिल हो जायेंगे।

﴿وَإِذَا الْجِبَالُ سُيِّرَتْ﴾

जब पर्वत चलाये जायेंगे।

﴿وَإِذَا الْعِشَارُ عُطِّلَتْ﴾

और जब दस महीने की गाभिन ऊँटनियाँ छोड़ दी जायेंगी।

﴿وَإِذَا الْوُحُوشُ حُشِرَتْ﴾

और जब वन् पशु एकत्र कर दिये जायेंगे।

﴿وَإِذَا الْبِحَارُ سُجِّرَتْ﴾

और जब सागर भड़काये जायेंगे।[1]

﴿وَإِذَا النُّفُوسُ زُوِّجَتْ﴾

और जब प्राण जोड़ दिये जायेंगे।

﴿وَإِذَا الْمَوْءُودَةُ سُئِلَتْ﴾

और जब जीवित गाड़ी गयी कन्या से प्रश्न किया जायेगाः

﴿بِأَيِّ ذَنْبٍ قُتِلَتْ﴾

कि वह किस अपराध के कारण वध की गयी।

﴿وَإِذَا الصُّحُفُ نُشِرَتْ﴾

तथा जब कर्मपत्र फैला दिये जायेंगे।

﴿وَإِذَا السَّمَاءُ كُشِطَتْ﴾

और जब आकाश की खाल उतार दी जायेगी।

﴿وَإِذَا الْجَحِيمُ سُعِّرَتْ﴾

और जब नरक दहकाई जायेगी।

﴿وَإِذَا الْجَنَّةُ أُزْلِفَتْ﴾

और जब स्वर्ग समीप लाई जायेगी।

﴿عَلِمَتْ نَفْسٌ مَا أَحْضَرَتْ﴾

तो प्रत्येक प्राणी जान लेगा कि वह क्या लेकर आया है।[1]

﴿فَلَا أُقْسِمُ بِالْخُنَّسِ﴾

मैं शपथ लेता हूँ उन तारों की, जो पीछे हट जाते हैं।

﴿الْجَوَارِ الْكُنَّسِ﴾

जो चलते-चलते छुप जाते हैं।

﴿وَاللَّيْلِ إِذَا عَسْعَسَ﴾

और रात की (शपथ), जब समाप्त होने लगती है।

﴿وَالصُّبْحِ إِذَا تَنَفَّسَ﴾

तथा भोर की, जब उजाला होने लगता है।

﴿إِنَّهُ لَقَوْلُ رَسُولٍ كَرِيمٍ﴾

ये (क़ुर्आन) एक मान्यवर स्वर्ग दूत का लाया हुआ कथन है।

﴿ذِي قُوَّةٍ عِنْدَ ذِي الْعَرْشِ مَكِينٍ﴾

जो शक्तिशाली है। अर्श (सिंहासन) के मालिक के पास उच्च पद वाला है।

﴿مُطَاعٍ ثَمَّ أَمِينٍ﴾

जिसकी बात मानी जाती है और बड़ा अमानतदार है।[1]

﴿وَمَا صَاحِبُكُمْ بِمَجْنُونٍ﴾

और तुम्हारा साथी उन्मत नहीं है।

﴿وَلَقَدْ رَآهُ بِالْأُفُقِ الْمُبِينِ﴾

उसने उसे आकाश में खुले रूप से देखा है।

﴿وَمَا هُوَ عَلَى الْغَيْبِ بِضَنِينٍ﴾

वह परोक्ष (ग़ैब) की बात बताने में प्रलोभी नहीं है।[1]

﴿وَمَا هُوَ بِقَوْلِ شَيْطَانٍ رَجِيمٍ﴾

ये धिक्कारी शैतान का कथन नहीं है।

﴿فَأَيْنَ تَذْهَبُونَ﴾

फिर तुम कहाँ जा रहे हो?

﴿إِنْ هُوَ إِلَّا ذِكْرٌ لِلْعَالَمِينَ﴾

ये संसार वासियों के लिए एक स्मृति (शास्त्र) है।

﴿لِمَنْ شَاءَ مِنْكُمْ أَنْ يَسْتَقِيمَ﴾

तुममें से उसके लिए, जो सुधरना चाहता हो।

﴿وَمَا تَشَاءُونَ إِلَّا أَنْ يَشَاءَ اللَّهُ رَبُّ الْعَالَمِينَ﴾

तथा तुम विश्व के पालनहार के चाहे बिना कुछ नहीं कर सकते।[1]

الترجمات والتفاسير لهذه السورة: