البلد

تفسير سورة البلد

الترجمة الهندية

हिन्दी

الترجمة الهندية

ترجمة معاني القرآن الكريم للغة الهندية ترجمها مولانا عزيز الحق العمري، نشرها مجمع الملك فهد لطباعة المصحف الشريف. عام الطبعة 1433هـ.

﴿بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ لَا أُقْسِمُ بِهَٰذَا الْبَلَدِ﴾

मैं इस नगर मक्का की शपथ लेता हूँ!

﴿وَأَنْتَ حِلٌّ بِهَٰذَا الْبَلَدِ﴾

तथा तुम इस नगर में प्रवेश करने वाले हो।

﴿وَوَالِدٍ وَمَا وَلَدَ﴾

तथा सौगन्ध है पिता एवं उसकी संतान की!

﴿لَقَدْ خَلَقْنَا الْإِنْسَانَ فِي كَبَدٍ﴾

हमने इन्सान को कष्ट में घिरा हुआ पैदा किया है।

﴿أَيَحْسَبُ أَنْ لَنْ يَقْدِرَ عَلَيْهِ أَحَدٌ﴾

क्या वह समझता है कि उसपर किसी का वश नहीं चलेगा?[1]

﴿يَقُولُ أَهْلَكْتُ مَالًا لُبَدًا﴾

वह कहता है कि मैंने बहुत धन ख़र्च कर दिया।

﴿أَيَحْسَبُ أَنْ لَمْ يَرَهُ أَحَدٌ﴾

क्या वह समझता है कि उसे किसी ने देखा नहीं?[1]

﴿أَلَمْ نَجْعَلْ لَهُ عَيْنَيْنِ﴾

क्या हमने उसे दो आँखें नहीं दीं?

﴿وَلِسَانًا وَشَفَتَيْنِ﴾

और एक ज़बान तथा दो होंट नहीं दिये?

﴿وَهَدَيْنَاهُ النَّجْدَيْنِ﴾

और उसे दोनों मार्ग दिखा दिये।

﴿فَلَا اقْتَحَمَ الْعَقَبَةَ﴾

तो वह घाटी में घुसा ही नहीं।

﴿وَمَا أَدْرَاكَ مَا الْعَقَبَةُ﴾

और तुम क्या जानो कि घाटी क्या है?

﴿فَكُّ رَقَبَةٍ﴾

किसी दास को मुक्त करना।

﴿أَوْ إِطْعَامٌ فِي يَوْمٍ ذِي مَسْغَبَةٍ﴾

अथवा भूक के दिन (अकाल) में खाना खिलाना।

﴿يَتِيمًا ذَا مَقْرَبَةٍ﴾

किसी अनाथ संबंधी को।

﴿أَوْ مِسْكِينًا ذَا مَتْرَبَةٍ﴾

अथवा मिट्टी में पड़े निर्धन को।[1]

﴿ثُمَّ كَانَ مِنَ الَّذِينَ آمَنُوا وَتَوَاصَوْا بِالصَّبْرِ وَتَوَاصَوْا بِالْمَرْحَمَةِ﴾

फिर वह उन लोगों में होता है जो ईमान लाये और जिन्होंने धैर्य (सहनशीलता) एवं उपकार के उपदेश दिये।

﴿أُولَٰئِكَ أَصْحَابُ الْمَيْمَنَةِ﴾

यही लोग सौभाग्यशाली (दायें हाथ वाले) हैं।

﴿وَالَّذِينَ كَفَرُوا بِآيَاتِنَا هُمْ أَصْحَابُ الْمَشْأَمَةِ﴾

और जिन लोगों ने हमारी आयतों को नहीं माना, यही लोग दुर्भाग्य (बायें हाथ वाले) हैं।

﴿عَلَيْهِمْ نَارٌ مُؤْصَدَةٌ﴾

ऐसे लोग, हर ओर से आग में घिरे होंगे।

الترجمات والتفاسير لهذه السورة: