التشاؤم بـ " شهر صفر " من أمور الجاهلية

सफ़र के महीने से अपशकुन लेना जाहिलियत के कामों में से है


فتوى مترجمة إلى اللغة الهندية عبارة عن سؤال أجاب عنه سماحة الشيخ عبد العزيز بن عبد الله بن باز رحمه الله ونصه : يتردد كثيرا أن شهر صفر شهر شؤم يتشاءم منه بعض العوام في كثير من الأمور ، فلا يعقد فيه النكاح على سبيل المثال ، وأيضا فإنه في مجلس عقد النكاح يعتقد البعض أنه لا يجوز كسر العود أو عقد الحبال أو تشبيك الأصابع ؛ حيث إن هذا يؤدي إلى فشل هذا الزواج وعدم التوفيق بين الزوجين . <br /> <br /> وبما أن هذا يمس العقيدة فنرجو النصح وبيان الحكم الشرعي. وفق الله الجميع لما يحبه ويرضاه.
अक्सर दोहराया जाता रहता है कि सफर का महीना नहूसत (अपशगुन, दुर्भाग्य) का महीना है, जिससे कुछ अवाम बहुत से मामलों में अपशकुन लेते हैं। चुनाँचे उदाहरण के तौर पर इस महीने में निकाह नहीं किया जाता है, इसी तरह कुछ लोगों का मानना है कि निकाह की सभा में लकड़ी तोड़ना या रस्सियों में गाँठ लगाना और उंगलियों में उंगलियाँ डालना जायज़ नहीं है ; क्योंकि इसकी वजह से यह विवाह विफल हो जायेगा और पति-पत्नी के बीच सामंजस्य नहीं बन पायेगा।<br /> चूँकि यह अक़ीदा को प्रभावित करता है, इसलिए कृपया नसीहत (सदुपदेश) करें और इस बारे में शरई प्रावधान स्पष्ट करें। अल्लाह तआला सभी लोगों को उस चीज़ की तौफीक़ प्रदान करने जिसे वह पसंद करता है और उससे प्रसन्न होता है।