तौहीद अर्थात एकेश्वरवाद, अल्लाह तआला को उसके सर्वसंसार का एकमात्र सृष्टा, पालनहार, उपास्य व पूज्य होने, तथा उसके नामों और गुणों में एकता मानने का नाम है। एकेश्वरवाद का मानव के जीवन और समाज पर महान प्रभाव पड़ता है। एकेश्वरवाद मनुष्य को अपने पालनहार के सिवाय सब की गुलामी से मुक्त कर देता है, उसके मन को मिथकों और कल्पनाओं से फ्री कर देता है, उसकी आत्मा को अपमान और किसी के सामने आत्मसमर्पण करने के बजाय उसके अंदर आत्मसम्मान और आत्मविश्वास पैदा कर देता है और इच्छाओं की घेराबंदी से आज़ाद कर देता है। इसके अलावा एकेश्वरवाद के अन्य प्रभाव हैं जिनका प्रस्तुत लेख में उल्लेख किया गया है।