सत्य धर्मः इस पुस्तक में हर बुद्धिमान पुरूष और नारी को अपने महान सृष्टा सर्वसंसार के पालनहार को पहचानने और उसके दर्शाए हुए सत्य मार्ग पर चलने का निमंत्रण दिया गया है। क्योंकि उसी के अंदर लोक और परलोक में कल्याण, भलाई, मोक्ष और सफलता है। यह सत्य मार्ग अल्लाह का वह धर्म है जिसे उसने सर्व मानव जाति के लिए चयन किया है, जिसके अतिरिक्त वह किसी से कोई अन्य धर्म स्वीकार नहीं करेगा। यह सत्य धर्म ऐसे गुणों, सिद्धांतों और निर्देशों से विशिष्ट हैं जो उसे एक संपूर्ण सर्व-व्यापी धर्म बना देते हैं जो किसी भी स्थान और समय के लिए योग्य है। इसी तरह सत्य धर्म के खोजियों को इस बात से सावधान किया गया है कि वे उन लोगों की बातों या कृत्यों पर ध्यान न दें जो इस्लाम के स्वच्छ चेहरे को मलिन और विकृत करने वाले हैं ; चाहे वे भ्रष्ट अक़ीदे वाले, या धर्म से आज़ाद पापी, या कर्तव्यों के पालन में आलस्य करने वाले मुसलमान हों, या इस्लाम के दुश्मन यहूदी, ईसाई इत्यादि हों। क्योंकि ये उसके सत्य को स्वीकारने के मार्ग में रूकावट बन सकते है।