रमज़ान का महीना हम से रूख्सत हो गया और उसकी मुबारक घड़ियाँ समाप्त होगईं, लाभ उठानेवालों ने इससे लाभ उठाए और कितने लोग घाटे और टूटे में रहे, हम नहीं जानते कि कौन लाभान्वित है कि उसे बधाई दें और कौन घाटे में रहा कि उसे सांत्वना दें। भाग्यशाली है वह व्यक्ति जिसने इस महीने से भरपूर लाभ उठाया और रमज़ान उसके हक़ में गवाही देनेवाला बन गया ! दुर्भाग्यपूर्ण और सांत्वना के योग्य है वह व्यक्ति जिसने इस महीने को नष्ट कर दिया या इसमें लापरवाही और कोताही से काम लिया ! लेकिन अब रमज़ान के बाद, एक मुसलमान को क्या करना चाहिए ॽ इस लेख में इसी बात को स्पष्ट करने का सुप्रयास किया गया है।