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हुसैन रज़ियल्लाहु अन्हु की शहादत और मुहर्रम का महीना

الهندية - हिन्दी

المؤلف सैयद हुसैन उमरी मदनी ، अज़ीज़ुर्रहमान उसमानी
القسم مقالات
النوع نصي
اللغة الهندية - हिन्दी
المفردات تفسير طبقة الصحابة
प्रस्तुत लेख में इस्लामी कैलेंडर के प्रथम महीने मुहर्रम का चर्चा करते हुए इस महीने की दसवीं तारीख को रोज़ा रखने की फज़ीलत का उल्लेख किया गया है। इसी तरह इस रोज़े की एतिहासिक पृष्ठभूमि की ओर भी संकेत किया गया है कि किस तरह अल्लाह ने इसी दिन अपने एक महान पैगंबर मूसा अलैहिस्सलाम और उनकी क़ौम को फिरऔन जैसे कुख्यात अहंकारी से मुक्ति प्रदान किया, जिसका आभारी होकर मूसा अलैहिस्सलाम ने इस दिन रोज़ा रखा और अपनी कौम को भी रोज़ा रखने के लिए कहा। नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने भी इस दिन का रोज़ा रखा, सहाबा को इसका रोज़ा रखने का हुक्म दिया। दुर्भाग्य से इसी महीने में हुसैन रज़ियल्लाहु अन्हु की शहादत की दुखद धटना पेश आई। जिसका इस लेख में खुलासा किया गया है।

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हुसैन रज़ियल्लाहु अन्हु की शहादत और मुहर्रम का महीना
हुसैन रज़ियल्लाहु अन्हु की शहादत और मुहर्रम का महीना