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الخالق

كلمة (خالق) في اللغة هي اسمُ فاعلٍ من (الخَلْقِ)، وهو يَرجِع إلى...

الواسع

كلمة (الواسع) في اللغة اسم فاعل من الفعل (وَسِعَ يَسَع) والمصدر...

الرءوف

كلمةُ (الرَّؤُوف) في اللغة صيغةُ مبالغة من (الرأفةِ)، وهي أرَقُّ...

रमज़ान के महीने की 30 विशेषताएँ

الهندية - हिन्दी

المؤلف ماجد بن سليمان الرسي ، صالح بن عبد الله بن حميد
القسم خطب الجمعة
النوع صورة
اللغة الهندية - हिन्दी
المفردات
موضوع الخطبة:الخصائص العشرون لشهر رمضانالخطيب: فضيلة الشيخ ماجد بن سليمان الرسي/ حفظه اللهلغة الترجمة: الهنديةالمترجم:طارق بدر السنابلي शीर्षक:रमज़ानकेमहीनेकी२०विशेषताएँ!إن الحمد لله نحمده ، ونستعينه، ونعوذ بالله من شرور أنفسنا ومن سيئات أعمالنا، من يهده الله فلا مضل له، ومن يضلل فلا هادي له، وأشهد أن لا إله إلا الله وحده لا شريك له، وأشهد أن محمدا عبده ورسوله.प्रशंसाओंकेपश्चात! सर्वश्रेष्ठबातअल्लाहकीबातहै, सबसेउच्चमार्गमोहम्मदसल्लल्लाहुअलैहिवसल्लमकामार्गहैएवंसबसेनकारात्मकचीज़धर्ममेंअविष्कारकिएगएनवोन्मेषहैं, हरनवोन्मेषत्रुटिहैऔरहरत्रुटिनरकमेंलेजानेवालीहै.एमुसलमानो! मैंआपकोएवंस्वयंअपनेकोअल्लाहकेभयकीआज्ञादेताहूंयहीवहआज्ञाहैजोपूर्वएवंपश्चातकेसंपूर्णमनुष्योंकोदीगई. अल्लाहकाकथनहै:وَلَقَدۡوَصَّیۡنَاٱلَّذِینَأُوتُوا۟ٱلۡكِتَـٰبَمِنقَبۡلِكُمۡوَإِیَّاكُمۡأَنِٱتَّقُوا۟ٱللَّهَۚ. (النساء:131)अर्थात: " नि:संदेहहमनेउनमनुष्योंकोजोतुमसेभूतपूर्वपुस्तकदिएगएएवंतुमकोभीयहीआज्ञादीहैकिअल्लाहसेडरतेरहो."
  • इसकारणवशअल्लाहतआलासेभेयकरेंएवंउससेडरतेरहेंउसकीआज्ञाकारीताकरेंएवंअवज्ञासेबचें. ज्ञातरखेंकिअल्लाहतआलाजोचाहताहैअपनीइच्छासेअविष्कारकरताहैजैसाउसउच्चएवंसर्वश्रेष्ठकीबुद्धिमत्ताकोआवश्यकताहोतीहै. इसीकारणवशउसनेकुछदेवदूतोंकोकुछदेवदूतोंपरवरियतादी, कुछपुस्तकोंकोकुछपुस्तकोंपरअग्रमानतादी, कुछदूतोंकोकुछदूतोंपरप्रधानतादी, कुछस्थानोंकोदूसरेस्थानोंएवंसमयपरवरीयतादी, इसीप्रकाररमज़ानकेमहीनेकोभीअन्यमहीनोंपरअग्रमान्यतादी. यहदासोंकेहितमेंअल्लाहकीकृपाहैकिउसनेउनकेलिएपुण्यएवंलाभकेअवसरप्रदानकिएजिनमेंसत्यकर्मोंकेलाभकईगुनाबढ़ादिएजातेहैं, पापोंकोमिटादियाजाताहैएवंस्वर्गमेंस्थानउच्चकिएजातेहैं.
  • जान लें कि अल्‍लाह तआ़ला अपनी निती से जो चाहाता है पैदा करता है और जिसे चाहता है उसका चयन करता है,अत: कुछ फरिश्‍तों को कुछ पर फज़ीलत (प्रधानता) दी है,कुछ पुस्‍तकों को कुछ पर विशिष्‍टता प्रदान की है,कुछ पैगंबरों को कुछ पर वरिष्‍ठता प्रदान किया है,कुछ समयों एवं स्‍थानों को कुछ पर वरिष्‍ठता प्रदान की है,इसका एक उुदाहरण यह है कि अल्‍लाह ने रमज़ान के महीने को अन्‍य समस्‍त महीनों पर प्रधानता दी है,यह बंदों पर अल्‍लाह के विशेष रह़मत (कृपा) का दृश्‍य है कि उसने उनके लिए पुण्‍य एवं भलाई के अवसर प्रदान किये,जिनमें पुण्‍यों का बदला बढ़ जाता है,पाप मिटाए जाते हैं और स्‍वर्ग में मोमिनों के स्‍थान उच्‍च किये जाते हैं। एअल्लाहकेदासो! पिछलेउद्देश्ययहबतायागयाथाकिअल्लाहतालानेव्रुको१०महानबुद्धिमत्ताकेआधारपरघोषितकियाहै. (यहद्वारअल-इस्लामसवाल-जवाबवेबसाइट: http://islamqa.info/ar/26862, एवंशैख़मोहम्मदबिनसालेहअल-उसैमीनरहिमहुल्लाहखेलएकमजालिसु-शहरी-रमज़ाननामकपुस्तककेनौवेंअध्यायसेसंक्षेपएवंरद्द--बदलकेसाथस्थानांतरितहै.) बल्किव्रतकीबुद्धिमत्तातोइससेभीअधिकहैउनमेंसबसेमहानबुद्धिमत्तावहहैजिसकाउल्लेखअल्लाहतआलानेअपनेइसकथनमेंकियाहै:یَـٰۤأَیُّهَاٱلَّذِینَءَامَنُوا۟كُتِبَعَلَیۡكُمُٱلصِّیَامُكَمَاكُتِبَعَلَىٱلَّذِینَمِنقَبۡلِكُمۡلَعَلَّكُمۡتَتَّقُونَ. (البقرة:183)अर्थात: " एविश्वासयो! तुमपरव्रतरखनाअनिवार्यकियागयाजिसजिसप्रकारतुमसेभूतपूर्वमनुष्योंपरअनिवार्यकियागयाथा, ताकितुमभयकोअपनाओ."जबयहसिद्धहोगयातबयहभीज्ञातरखें -अल्लाहआपपरअपनीकृपाकीबरखाबरसाए- किरमज़ानकेव्रतकी तीस विशेषताएंहैं,उन में से कुछ विशेषताएं निम्नलिखितहैं:
  • व्रतइस्लामकाचौथास्तंभहै, अब्दुल्लाहबिनाउमररज़िअल्लाहूअन्हूमाकावर्णनहै: मैंनेरसूलसल्लल्लाहुअलैहिवसल्लमकोकहतेहुएसुना: इस्लाम५स्तंभोंपरआधारितहै, यहकिअल्लाहकेअतिरिक्तकोईवास्तविकपूज्यनहीं, एवंनमाज़पढ़ना, दान-पुण्यदेना, हज्जकरनाएवंरमज़ानकेव्रतरखना.
  • (इसेबज़ार: ०८एवंमुस्लिम:१६नेप्रतिलिपिकीएवंउल्लेखकिएगएशब्दमुस्लिमकेहैं)
  • व्रतकीएकविशेषतायहभीहैकियहइस्लामसेपूर्वधर्मोंमेंभीप्रचलितथाजोइसकेसरफेसहोनेकाप्रमाणहैअल्लाहकाकथनहै:
  • یَـٰۤأَیُّهَاٱلَّذِینَءَامَنُوا۟كُتِبَعَلَیۡكُمُٱلصِّیَامُكَمَاكُتِبَعَلَىٱلَّذِینَمِنقَبۡلِكُمۡلَعَلَّكُمۡتَتَّقُونَ. (البقرة:183)अर्थात: " एविश्वासयो! तुमपरव्रतरखनाअनिवार्यकियागयाजिसप्रकारतुमसेभूतपूर्वमनुष्योंपरअनिवार्यकियागयाथा, ताकितुमभयकोअपनाओ."
  • व्रतकीएकविशेषतायहभीहैकिअल्लाहनेइसकासंबंधअपनीओरकियाहैजोकिसंपूर्णउपासनाओंमेंइसकीअलगपहचानएवंसर्वश्रेष्ठहोनेकोप्रमाणितकरताहै. अबूहुरैरारज़िअल्लाहूअन्हूरिवायतकरतेहैंकिनबीसल्लल्लाहूअलैहिवसल्लमकाकथनहै: "आदमकीसंतानकाव्रतकेअतिरिक्तप्रत्येककार्यउसकाहैयहमेराहैएवंमैंस्वयंउसकाबदलादूंगा..."
  • अल्लाहकेदासो! अल्लाहतआलाकासंपूर्णइबादतोंकेअतिरिक्तव्रतकोविशेषरूपसेअपनीऔरसंबंधितकरनाइसबातपरसाक्ष्यहैकिअल्लाहतआलाकेनिकटयहमाननीयएवंप्रियउपासनाहै. इसकाकारणयहहैकिइसइबादतकेभीतरअल्लाहकेहितमेंदांसोंकाभावखुलेरूपमेंशुद्धहुआकरताहैक्योंकिव्रतदांसोंएवंपालनहारकेबीचएकगुप्तवस्तुहैजिससेअल्लाहकेअतिरिक्तकोईभीअवगतनहींहोसकता. व्रतरखनेवालाएकांतमेंउनवस्तुओंकेप्रयोगकरनेकीक्षमतारखताहैजिन्हेंअल्लाहतआलानेअवैधकरदियाहै, परंतुवहउसकाप्रयोगनहींकरताहैक्योंकिउसेज्ञातहैकिउसकाएकरबहैजोअकेलेमेंभीउसेदेखरहाहैऔरउसनेउनवस्तुओंकोउसपरअवैधकरदियाहै, इसलिएवहअल्लाहकीयातनासेभयकरतेहुएउनवस्तुओंकोत्यागदेताहै. यहीवहमूलकारणहैकिअल्लाहनेअपनेदासोंकेइसशुद्धताकीप्रशंसाकीहैऔरसंपूर्णउपासनाओंकोछोड़करव्रतकोविशेषरूपसेअपनेलिएचुनलियाहै.
  • रमज़ानकेव्रतकीएकविशेषतायहभीहैकिअल्लाहतालानेइसकेसंबंधमेंकहाहै: "मैंस्वयंइसकापरीणामदूंगा." इसकारणवशअपनीओरबदलेकोसंबंधितकियाहैक्योंकिपूण्य-कार्योंबदलागणनाकेसाथबढ़ा-चढ़ाकरप्रदानकियाजाताहै. प्रत्येकपुण्यकालाभ१०गुनासेलेकर७००गुनाएवंउससेअधिकदियाजाताहै. परंतुव्रतकेसवाबकोअल्लाहतआलानेबिनाकिसीगणनाकेअपनीऔरसंबंधितकियाहैजोइसबातकासाक्ष्यहैकिइसकासवाबअधिकबड़ाहै. वहस्वच्छएवंविशालअल्लाहसंपूर्णदयालुसेबड़ादयालुएवंसारेकृपालुओंसेबड़ाकृपालुहै. दयादयालुकेस्तरकेअनुसारमिलतीहैइसकारणवशव्रतरखनेवालेकासवाबअताहएवंअनगिनतहै.
  • व्रतकीएकविशेषतायहहैइसमेंधीरजकेतीनोंभागइकट्ठाहोजातेहैं:अल्लाहकीआज्ञाकारीतापरधीरज, अल्लाहनेजिनचीज़ोंकोअवैधकरदियाहैउनसेदूरीबनाएरखनेपरधीरज, एवंअल्लाहनेहमारेभाग्यमेंजोकठिनपरिस्थितियांलिखदिएहैंउनपरधीरज. जैसेभूखप्यासगंभीरतातनएवंप्राणकीदुर्बलताइसप्रकारव्रतरखनेवालोंकीगणनाउनकृपाणोंमेंहोताहैजिनकेसंबंधमेंअल्लाहकाकथनहै:
  • إِنَّمَایُوَفَّىٱلصَّـٰبِرُونَأَجۡرَهُمبِغَیۡرِحِسَاب. (الزمر:10)अर्थात: "कृपाणोंकोपूर्णरूपसेअनगिनतसवाबदियाजाएगा." (शैख़मोहम्मदबिनसालेहअल-उसैमीनरहिमहुल्लाहखेलएकमजालिसु-शहरी-रमज़ाननामकपुस्तककेनौवेंअध्यायसेसंक्षेपएवंरद्द--बदलकेसाथस्थानांतरितहै.)
  • व्रतकीएकविशेषतायहभीहैकिअल्लाहतआलानेउपवासकरनेवालोंकेलिएस्वर्गमेंएकऐसाद्वारतैयारकररखाहैजिससेउनकेअतिरिक्तकोईऔरप्रवेशनहींकरेगा, सहलबिनसअ़दरज़िअल्लाहूअन्हूरिवायतकरतेहैंकिरसूलसल्लल्लाहुअलैहिवसल्लमकाकथनहै:
  • "स्वर्गकाएकद्वारहैजिसेरैय्यानकहतेहैं, प्रलयकेदिनइसद्वारसेकेवलउपवासकरनेवालेहीप्रवेशकरेंगे,उनकेअतिरिक्तऔरकोईउससेप्रवेशनहींकरेगा. पुकाराजाएगाकिउपवासकरनेवालेकहांहैं? वेखड़ेहोजाएंगेउनकेअतिरिक्तऔरकोईनहींभीतरप्रवेशकरपाएगाऔरजबयहलोगभीतरप्रवेशकरजाएंगेतोयहद्वारबंदकरदियाजाएगाफिरउससेकोईअंदरप्रवेशनहींकरसकेगा."(इसेबुख़ारी:१८९६एवंमुस्लिम:११५२नेरिवायतकियाहैएवंउल्लेखकिएगएशब्दबुख़ारीकेहैं.)
  • व्रतकीएकविशेषतायहभीहैकिवहनरकसेसुरक्षादेनेवालाढालहै,उस्मानबिनअबुल-आसरज़िअल्लाहूअन्हूरिवायतकरतेहैंकिमैंनेरसूलसल्लल्लाहुअलैहिवसल्लमकोफ़रमातेहुएसुना: "उपवासनरकसेसुरक्षादेनेवालीढालहै, जिसप्रकारतुममेंसेकोईयुद्धकेमैदानमेंढालसेअपनीसुरक्षाकरताहै."
  • (इसेइमामअहमद: /२२नेरेवायादकियाहैएवंअल-मुसनदकेशोधकर्ताओंनेकहाहैकिइसकीसनदमुस्लिमकेशर्तपरसहीहै.)
  • व्रतकीएकविशेषतायहभीहैकि जो व्‍यक्ति ईमान एवं इह़तिसाब के साथ रमज़ान के म‍हीने के रोज़े रखता है के पूर्व के सारे पापक्षमाहोतेहैं,अबूहोरैरह रज़ीअल्‍लाहु अंहु से वर्णित है कि अल्‍लाह के रसूल सलल्‍लाहु अलैहि वसल्‍लम ने फरमाया:जो व्‍यक्ति ईमान रखते हुए पुण्‍य की नीयत से रमज़ान के रोज़े रखे उसके समस्‍त पिछले पाप क्षमा हो जाते हैं।(इसे बोख़ारी (38) और मुस्लिम (760) ने रिवायत किया है।)
  • अबूहोरैरह रज़ीअल्‍लाहु अंहु से वर्णित है कि नबी सलल्‍लाहु अलैहि वसल्‍लम मिंबर पर चढ़े और फरमाया:आमीन,आमीन,आमीन। आप से पूछा गया कि:हे अल्‍लाह के रसूलआप मिंबर पर चढ़े तो आप ने तीन बार (आमीन) कहा।आप ने फरमाया:जिब्रील अलैहिस्‍सलाम मेरे पास आए और फरमाया: (जिस व्‍यक्ति को रमज़ान का महीना मिला और उस को क्षमा न मिल सका,वह नरक में प्रवेश करे और अल्‍लाह उसे (अपने कृपा से) दूर करदे,आप आमीन कहिये,तो मैं ने कहा:आमीन। (इस ह़दीस को अह़मद (2/246-254) इब्‍ने ख़ोज़ैमा (3/192) ने वर्णित किया है,इस का मूल्‍य मुस्लिम में (2551) में है,अल्‍बानी ने صحیح الترغیب والترہیب (997) में कहा है कि:यह ह़दीस ह़सन सह़ीह है।)अबूहोरैरह रज़ीअल्‍लाहु अंहु से वर्णित है कि रसूल सलल्‍लाहु अलै‍हि वसल्‍लम फरमाया करते थे:पांच समय की नमाज़ें,एक जुमा से दूसरा जूमा और एक रमज़ान से दूसरा रमज़ान,उनके मध्‍य होने वाले पापों के लिए कफ्फारा (प्रायश्चित) हैं,शर्त यह है कि बड़े पापों से बचा जाए। (सह़ीह मुस्लिम:233)
  • रमज़ानकेमहीनोंकेव्रतकीएकविशेषतायहहैकिमुसलमानोंपरयहउपवाससरलकरदिएगएहैं, वहइसप्रकारकीउपवासकरनेवालाजबइससेअवगतहोजाताहैकिआसपासकेसंपूर्णमनुष्यउपवासकिएहुएहैंतोयहलगताहैकिउसकेलिएव्रतरखनाआसानहैऔरउसकेभीतरउपासनाकीसंदर्भमेंचपलताउत्पन्नहोतीहै.
  • व्रतकीएकविशेषतायहभीहैकिअल्लाहतआलानेउपवासकरनेकोप्रार्थनाकेस्वीकारकरनेकाएकविशेषकारणघोषितकियाहै, इसकासाक्ष्यनबीसल्लल्लाहूअलैहिवसल्लमकायहकथनहै: " तीनप्रकारकीप्रार्थनाएंआवश्यकरूपसेस्वीकारकीजातीहैं: पिताकीप्रार्थना, उपवासकरनेवालोंकीप्रार्थना, यात्रीकीप्रार्थना."
  • (इसेबैह़क़ी: /३५४नेअनसबिनमालिकसेरिवायतकियाहै, एवंअल-बानीनेअल-सहीहा:१७९७मेंइसकाउल्लेखकियाहै.) इसकेअतिरिक्तअल्लाहकेरसूलसल्लल्लाहुअलैहिवसल्लमकाकथनहै: " अल्लाहतालातीनप्रकारकेमनुष्यकीप्रार्थनावापसनहींलौटाता: न्यायकरनेवालेशासक, उपवासकरनेवालेयहांतककीवहउपवासतोड़लें, एवंउत्पीड़ितव्यक्ति."(इसेअहमद:९७४३आदिनेरिवायतकियाहैएवंअल-मुसनदकेशोधकर्ताओंनेकहाहैकियहहदीसअधिकतममार्गएवंगवाहोंकेआधारपरसहीहहै.)
  • रमजानकेमहीनेकीएकविशेषतायहभीहैकिजोव्यक्तिईमानकेसाथसवाबकीआशाकरतेहुएरमज़ानकेमहीनेमेंरात्रिमेंजागकरउपासना (तरावीहकीनमाज़) करताहैउसकेपीछलेपापक्षमाकरदिएजातेहैं. अबूहुरैरारज़िअल्लाहूअन्हूसेमरवीहैकिआपसल्लल्लाहूअलैहिवसल्लमकाकथनहै: " जिसनेईमानकेसाथसवाबकीआशाकरतेहुएरमज़ानकेमहीनेमेंकयामुल-लेलकी, अर्थाततरावीहकीनमाज़पढ़ी; उसकेपिछलेपापक्षमाकरदिएजातेहैं."
  • (इसेबुख़ारी: ३७एवंमुस्लिम: ७६०नेरिवायतकियाहै.) इसकेअतिरिक्तआपसल्लल्लाहूअलैहिवसल्लमकाकथनहै: " जोव्यक्तिईमानकेसाथक़्यामकरेयहांतककिवहसमापनकरलेतोअल्लाहतआलाउसव्यक्तिकेलिएपूरीरात्रिक़्यामकरनेकासवाबसुनिश्चितकरेगा."(इसेअबूदाऊदआदिनेअबूज़ररज़िअल्लाहूअन्हूसेरिवायतकियाहैएवंशैख़शुऐबरहिमहुल्लाहनेइसेसहीहकहाहै.)
  • रमज़ानकीएकविशेषतायहभीहैकिजोव्यक्तिईमानकेसाथसवाबकीआशाकरतेहुएरमज़ानकाव्रतरखताहैउसकेपिछलेसंपूर्णपापक्षमाकरदिएजातेहैं, अबूहुरैरारज़िअल्लाहूअन्हूसेमरवीहैकिरसूलसल्लल्लाहुअलैहिवसल्लमनेफ़रमाया: "जोरमज़ानकेव्रतईमानकीसाथसवाबकीआशाकरतेहुएरखेउसकेपिछलेसंपूर्णपापक्षमाकरदिएजाएंगे."
  • (इसेबुख़ारी: ६८एवंमुस्लिम: ७६०नेरिवायतकियाहै.) अबूहुरैरारज़िअल्लाहूअन्हूसेमरवीहैकिनबीसल्लल्लाहुअलैहिवसल्लममंचपरपधारेऔरतीनबारआमीनकहा! आपसेप्रश्नकियागयातोआपनेफ़रमाया: " जिब्रीलअलैहिस्सलाममेरेपासआए, औरफ़रमाया: जिसनेरमज़ानकेमहीनेकोपायाएवंउसकीक्षमानहींहोसकीऔरवहनरकमेंप्रवेशकरगयाअल्लाहउसेअपनीदयासेवंचितकरदे! -आपआमीनकहिए- तोमैंनेआमीनकहा."(इसेअहमद: /२४६-२५४, एवंइब्न--ख़ुज़ैमा: /१२९नेरिवायतकियाहै, इसकामूलसहीहमुस्लिम, हदीससंख्या: २५५१केअंतर्गतआईहै, अल-बानीनेसहीह-उत्तरग़ीबिवत्तरहीब:९७७मेंकहांहैकियहहदीसहसनसहीहहै.) अबुहुरैरारज़िअल्लाहूअन्हूफ़रमातेहैं: रसूलसल्लल्लाहुअलैहिवसल्लमफ़रमायाकरतेथे: " जबमनुष्यबड़ेपापोंसेवंचितरहाहो०५नमाज़ें, एकजुमाद्वितीयजुमातक, एकरमज़ानद्वितीयरमज़ानतकबीचकेसमयमेंहोनेवालेपापोंकोमिटानेकाकारणहै."(इसेमुस्लिम: २३३नेरिवायतकियाहै.)
  • रमज़ानकीएकविशेषतायहभीहैकिइसमहीनेमेंदान-पुण्यकरनामुस्तह़बहै, इब्नेअब्बासरज़िअल्लाहूअन्हूमासेमरवीहैकि "नबीसल्लल्लाहूअलैहिवसल्लमभलाईकरनेमेंसर्वश्रेष्ठउदारथेऔररमजानमेंआपकीउदारताकीतोकोईसीमाहीनहींथी."
  • (इसेबुख़ारी:०६एवंमुस्लिम:२३०८नेरिवायतकियाहै.)
  • रमज़ानकीएकविशेषतायहभीहैकिइसकेउ़मरेकापुण्‍यकईगुनाबढ़ादियाजाताहै. इब्नेअब्बासरज़िअल्लाहूअन्हूमाफरमातेहैंकिरसूलसल्लल्लाहुअलैहिवसल्लमनेएकअंसारीमहिलासेकहा: "जबरमज़ानआएतोउसमेंउमराकरलो, क्योंकि (रमज़ानकेमहीनेमेंएकउमराह़ज्जकेसमानहोताहै."
  • (इसेबुख़ारी: १७८२एवंमुस्लिम: १२५६नेरिवायतकियाहै.)
  • रमज़ानकेमहीनेकीएकविशेषतायहभीहैकिरमजानकीप्रत्येकरात्रिमेंअल्लाहतालाअपनेकुछदासोंकोनरकसेस्वतंत्रताकाप्रमाणदेताहै, अबूहुरैरारज़िअल्लाहूअन्हूफ़रमातेहैंकेरसूलसल्लल्लाहोअलेहीवसल्लमकाकथनहै: " जबमैंरमज़ानकीप्रथमरात्रिआतीहैतोदुष्टदेवोंएवंविद्रोहजिनोंकोजकड़दियाजाताहै, नरककेद्वारबंदकरदिएजातेहैं, उनमेंसेकोईभीद्वारखोलानहींजाता. एवंस्वर्गकेद्वारखोलदिएजातेहैं, उनमेंसेकोईभीद्वारबंदनहींकियाजाता. पुकारनेवालापुकारताहै: भलाईकेचाहनेवाले! आगेबढ़, एवंपापोंकेचाहनेवाले! रुकजा. औरअग्निसेअल्लाहकेबहुतसेस्वतंत्रकिएगएदासहैं. (होसकताहैतूभीउन्हींमेंसेहो!) औरऐसारमज़ानकीप्रत्येकरात्रिकोहोताहै."
  • (इसेतिर्मीज़ी:६८२, एवंइब्न--माजा: १६४२नेरिवायतकियाहै, एवंशैख़अल-बानीरहिमहुल्लाहनेसहीह-हुल-जामे: ७५९मेंइसेहसनकहाहै.) जाबिररज़िअल्लाहूअन्हूफ़रमातेहैंकिरसूलसल्लल्लाहुअलैहिवसल्लमनेफ़रमायाअल्लाहतआलाप्रत्येकउपवासकेतोड़तेसमयकुछलोगोंकोनरकसेस्वतंत्रकरताहै, औरयह (रमज़ानकी) प्रत्येकरात्रिकोहोताहै."(इसेअहमद:२२२०२, एवंइब्नेमाजा:१६४३नेरिवायतकियाहै, एवंउल्लेखकिएगएशब्दइब्न--माजाकेहैं, इसकेअतिरिक्तशैख़अल-बानीनेसहीहइब्न--माजामेंइसेसहीहकहाहै.) 16-17- रमज़ानकीएकविशेषतायहभीहैकिइसमहीनेमेंस्वर्गकेद्वार खोलदिएजाते, हैंनरककेद्वारबंदकरदिएजातेहैंएवंदुष्टदेवोंकोहथकड़ियोंसेजकड़दियाजाताहै. अबूहुरैरारज़िअल्लाहूअन्होसेमरवीहैकिरसूलसल्लल्लाहूअलैहिवसल्लमनेफ़रमाया: "जबरमज़ानकेमहीनेकाआगमनहोताहैतोस्वर्गकेसंपूर्णद्वारखोलदिएजातेहैं, नरककेद्वारबंदकरदिएजातेहैंएवंदुष्टदेवोंकोज़ंजीरोंसेजकड़दियाजाताहै."(इसेबुख़ारी:१८९९, एवंमुस्लिम: १०७९नेरिवायतकियाहै.) 18 -रमज़ान के महीने की एक विशेषता यह है कि इस में शैतानों को ज़ंजीरों में जकड़ दिया जाता है,इसका प्रमाण उपरोक्‍त दोनों ह़दीसें हैं,शैतानों को जकड़ने का मतलब यह है कि ज़ंजीर में उन्‍हें जकड़ देना,वह इस प्रकार से कि रमज़ान के अलावा दिनों में जिन स्‍थानों तक उनकी पहुंच थी,वहां तक रमज़ान में न जा सकें,बल्कि उनकी दुष्‍टता सीमित हो जाए,एक कथन यह भी है कि केवल दुष्‍ट शैतानों को ही जकड़ा जाता है।19- रमज़ानकेमहीनेकीएकविशेषतायहहैकिइसमेंप्रचुरताकेसाथक़ुरआ नकासस्वरपाठकरनामुस्तह़बहै, सलफ़--सालेहीनरिज़वानुल्लाहअलैहिमअजमईनकीआदतथीकिवेनबीसल्लल्लाहूअलैहिवसल्लमकेमार्गकापालनकरतेहुएरमज़ानमेंपूराक़ुरआनकासस्वरपाठपूरीव्यवस्थाकेसाथकियाकरतेथे, क्योंकिजिब्रीलअलैहिस्सलामप्रत्येकवर्षरमज़ानकेमहीनेमेंरसूलसल्लल्लाहुअलैहिवसल्लमकेसाथक़ुरआनसुनते-सुनातेथे.20- रमज़ानकीएकविशेषतायहभीहैकीउपवासप्रलयकेदिनदासोंके हितमेंसंस्तुतिकरेगाकिउन्हेंउच्चस्थानप्रदानकिएजाएंएवंपापक्षमाकरदिएजाएं, अब्दुल्लाहबिनअम्ररज़िअल्लाहूअन्हूमासेमरवीहैकिरसूलसल्लल्लाहुअलैहिवसल्लमनेफ़रमाया: उपवासएवंक़ुरआनप्रलयकेदिनदासकेहितमेंसंस्तुतिकरेंगे, उपवासकहेगा: ( हेपालनहार! मैंनेइसेखानपानएवंहवससेदूररखा, मेरीसंस्तुतिइसकेहितमेंस्वीकारकरले.) क़ुरआनकहेगा: ( हेपालनहार! मैंनेइसेरात्रिकेसमयविश्रामलेनेसेदूररखा, मेरीसंस्तुतिइसकेहितमेंस्वीकारकरले.) इसकारणदोनोंकीसंस्तुतिस्वीकारकरलीजाएगी. (इसेअहमद: /१४७नेरिवायतकियाहै, एवंअल-बानीरहिमहुल्लाहनेसहीहु-त्तरग़ीबि: ९८४एवंसहीहुल-जामे: ७३२९मेंरिवायतकियाहै.)21-रमज़ानकीएकविशेषतायहभीहैकिउपवासकरनेवालोंकेमूंह कीगंधअल्लाहकेनिकटकस्तूरीकेसुगंधसेभीअधिकप्रियहै, अबूहुरैरारज़िअल्लाहूअन्हूसेमरवीहैकिरसूलसल्लल्लाहुअलैहिवसल्लमनेफ़रमाया: उसज़ातकीक़समजिसकेहाथमेंमोहम्मदसल्लल्लाहुअलैहिवसल्लमकाप्राणहै, उपवासकरनेवालोंकेमुंहकीगंधअल्लाहकेनिकटकस्तूरीकेसुगंधसेअधिकअच्छाहै. (बुख़ारी:१९०४, मुस्लिम: ११५१)22-उपवासकीएकविशेषतायहहैकिअल्लाहतआलाउपवासकरनेवालों कोदोप्रसन्नताएंप्रदानकरताहै. एकप्रसन्नताजबवहउपवासतोड़ताहैएवंदुसरीप्रसन्नताजबवहअपनेरबसेभेंटकरेगा, अबूहुरैरारज़िअल्लाहूअन्हूसेमरवीहैकिरसूलसल्लल्लाहुअलैहिवसल्लमनेफ़रमाया: उपवासकरनेवालोंकोदोप्रसन्नताएंप्राप्तहोंगी, (एकतो) जबवहउपवासतोड़ताहैतोप्रसन्नहोताहै, एवंदूसरीजबवहअपनेरबसेभेंटकरेगातोअपनेउपवासकासवाबप्राप्तकरकेप्रसन्नहोगा. (बुख़ारी:१९०४, मुस्लिम: ११५१)
  • हमअल्लाहसेप्रार्थनाकरतेहैंकिहमेंरमज़ानकेव्रतउसीप्रकाररखनेकीक्षमताप्रदानकरेंजिसप्रकारउसकीइच्छाहैइसकेअतिरिक्तअपनीयाद, आभारव्यक्तकरनेएवंसुंदरउपासनामेंहमेंसहयोगकरे!
  • अल्लाहतआलाहमेंएवंआपकोक़ुरआनकीबरकतोंसेमालामालफ़रमाए, हमेंएवंआपकोइसकेश्लोकोंएवंबुद्धिमत्तापरआधारितसलाहसेलाभपहुंचाए, मैंअपनीयहबातकहतेहुएअल्लाहतआलासेअपनेलिएएवंआपसभीकेलिएक्षमामांगताहूंआपभीउसेक्षमाचाहें, नि: संदेहवहअधिकक्षमास्वीकारकरनेवालाएवंबहुतक्षमाकरनेवालाहै!
  • द्वितीयउपदेश! الحمدللهوكفى،وسلامعلىعبادهالذيناصطفى،أمابعد! 23-रमज़ानकेमहीनेकीएकविशेषतायहभीहैकिइसीमेंक़ुरआनका अवतारहुआ, अल्लाहकाकथनहै:شَهۡرُرَمَضَانَٱلَّذِیۤأُنزِلَفِیهِٱلۡقُرۡءَانُ. (البقرة:185)अर्थात: "रमज़ानकामहीनावहहैजिसमेंक़ुरआनकोअवतरितकियागया."रमज़ानमेंभीशुभरात्रिमेंक़ुरआनअवतरितहुआ, अल्लाहकाकथनहै:إِنَّاۤأَنزَلۡنَـٰهُفِیلَیۡلَةِٱلۡقَدۡرِ. (القدر:01)अर्थात: " हमनेइसेशुभरात्रिमेंअवतरितकिया."यह एक महत्‍वपूण रात है,इस में क़ुरान लौह़-ए-मह़फूज़ से बैतुल इज्‍़ज़त की ओर उतारा गया जो आकाशीय संसार में है,इसके पश्‍चात परिस्थितियों एवं आवश्‍यकताओं के अनुसार थोड़ा-थोड़ा नबी सलल्‍लाहु अलैहि वसल्‍लम पर अव‍तरित होता रहा।
  • इसेशुभरात्रिइसलिएकहाजाताहैकिवहबहुतहीसर्वश्रेष्ठस्थानवालीरात्रिहैजैसाकिकहाजाताहै: (अमुकव्यक्तिबड़ाउच्चस्थानवालाहै.) इसीप्रकारशुभकीओररात्रिकासंबंधकिसीवस्तुकोउसकीगुणवत्ताकीओरसंबंधितकरनेजैसाहैइसलिएइसकाअर्थयहहोगाकिसर्वश्रेष्ठ, उच्चस्थानवालीरात्रि.
  • एककथनकेअनुसारइसेशिवकीरात्रिइसकारणवशकहाजाताहैकिइसमेंपूर्णवर्षकान्यायकियाजाताहै, जैसाकिअल्लाहकाकथनहै:فِیهَایُفۡرَقُكُلُّأَمۡرٍحَكِیمٍ. (الدخان: 04)अर्थात: " इसीरात्रिमेंप्रत्येकशक्तिशालीकार्योंकान्यायकियाजाताहै."इब्न--क़ैय्यिमरहिमहुल्लाहकहतेहैं: " यहीकथनसत्यहै."﴿() शिफ़ा-उल-अलील: /१४०, प्रकाशित: मकतबतुल-बीकान, रियाज़, () इनकथाओंकेदेखनेहेतुदेखें: अहादीसुस्-सियाम:१४०, लेखकशैख़अब्दुल्लाहफ़ौज़ान.
  • अल्लाहतआलानेशुभरात्रिकोलाभदायकरात्रिसेवर्णितकियाहै, जैसाकिअल्लाहतआलानेक़ुरआनकेअवतरितहोनेकेसंदर्भमेंकहा:
  • إِنَّاۤأَنزَلۡنَـٰهُفِیلَیۡلَةمُّبَـٰرَكَةٍۚ. (الدخان:03)अर्थात: "हमनेइसकोलाभदायकरात्रिमेंअवतरितकिया."
  • शुभरात्रिकीएकविशेषतायहहैकिइसमेंदेवदूतोंकाअवतारहोताहै, जैसाकिअल्लाहतआलाकाकथनहै:
  • تَنَزَّلُٱلۡمَلَـٰۤىِٕكَةُوَٱلرُّوحُفِیهَا. (القدر:04)अर्थात: " इसमेंरूहुल-अमीनएवंदेवदूतअवतरितहोतेहैं."इसश्लोकमेंअल-रूह़काअर्थजिब्रीलहै, इब्न--कसीररहिमहुल्लाहइसश्लोककाउल्लेखकरतेहुएलिखतेहैं: अर्थात: इसरात्रिप्रचुरताकेसाथबरकतकाअवतारहोताहै, इसकारणवशदेवदूतभीभारीसंख्यामेंअवतरितहोतेहैं, बरकतएवंरहमतकेसाथदेवदूतोंकाभीअवतारहोताहै. इसकेअतिरिक्तयहदेवदूतक़ुरआनकेसस्वरपाठकरतेसमयभीअवतरितहोतेहैंएकदमिकपरिषदोंकोअपनेअंतर्गतलेलेतेहैं, सत्यताकेसाथशिक्षाप्राप्तकरनेवालेकेसम्मानमेंउनकेलिएअपनेपरोंकोबिछादेतेहैं."इब्न--कसीररहिमहुल्लाहकाकथनसमाप्तहुआ.24-रमज़ान की एक विशेषता यह है कि जो व्‍यक्ति शुभरात्रि में ईमान व इह़तिसाब के बदले के साथ क्‍़याम करे उसके पूर्व के समत्‍स पाप क्षमा कद दिये जाते हैं,अर्थात:जो व्‍यक्ति शुभरात्रि को प्रार्थना से बसाए रखे, अल्लाहनेइसरात्रिउपासनाकरनेवालोंकेलिएजोलाभएवंसवाबतैयारकररखाहै (उसपरविश्वासकरतेहुए) एवंलाभ-सवाबकीआशाकरतेहुए; उसकेपूर्वमेंकिएगएसंपूर्णपापक्षमाकरदिएजातेहैं. अबूहुरैरारज़िअल्लाहूअन्होसेमरभीहैकिनबीसल्लल्लाहुअलैहिवसल्लमकाकथनहै: " जोव्यक्तिरमज़ानकेव्रत; विश्वासएवंलाभ-सवाबकीआशाकरतेहुएरखेउसकेपूर्वमेंकिएगएसंपूर्णपापक्षमाहोजातेहैं.इसेबुख़ारी:१९०१, एवंमुस्लिम:७५९नेरिवायतकियाहै.) 25-रमज़ान की एक विशेषता यह है कि शुभरात्रि में नमाज़ पढ़ते रहना हज़ार महीनों की प्रा

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    रमज़ान के महीने की 30 विशेषताएँ
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