البحث

عبارات مقترحة:

الحسيب

 (الحَسِيب) اسمٌ من أسماء الله الحسنى، يدل على أن اللهَ يكفي...

المقيت

كلمة (المُقيت) في اللغة اسم فاعل من الفعل (أقاتَ) ومضارعه...

المتكبر

كلمة (المتكبر) في اللغة اسم فاعل من الفعل (تكبَّرَ يتكبَّرُ) وهو...

سورة الأنعام - الآية 70 : الترجمة الهندية

تفسير الآية

﴿وَذَرِ الَّذِينَ اتَّخَذُوا دِينَهُمْ لَعِبًا وَلَهْوًا وَغَرَّتْهُمُ الْحَيَاةُ الدُّنْيَا ۚ وَذَكِّرْ بِهِ أَنْ تُبْسَلَ نَفْسٌ بِمَا كَسَبَتْ لَيْسَ لَهَا مِنْ دُونِ اللَّهِ وَلِيٌّ وَلَا شَفِيعٌ وَإِنْ تَعْدِلْ كُلَّ عَدْلٍ لَا يُؤْخَذْ مِنْهَا ۗ أُولَٰئِكَ الَّذِينَ أُبْسِلُوا بِمَا كَسَبُوا ۖ لَهُمْ شَرَابٌ مِنْ حَمِيمٍ وَعَذَابٌ أَلِيمٌ بِمَا كَانُوا يَكْفُرُونَ﴾

التفسير

तथा आप उन्हें छोड़ें जिन्होंने अपने धर्म को क्रीड़ा और खेल बना लिया है। दरअसल सांसारिक जीवन ने उन्हें धोखे में डाल रखा है। आप इस (क़ुर्आन) द्वारा उन्हें शिक्षा दें। ताकि कोई प्राणी अपने करतूतों के कारण बंधक न बन जाये, जिसका अल्लाह के सिवा कोई सहायक और अभिस्तावक (सिफ़ारिशी) न होगा।फिर यदि वे, सबकुछ बदले में दे दें, तो भी उनसे नहीं लिया जायेगा[1]। यही लोग अपने करतूतों के कारण बंधक होंगे। उनके लिए उनके कुफ़्र (अविश्वास) के कारण खौलता पेय तथा दुःखदायी यातना होगी।

المصدر

الترجمة الهندية