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عبارات مقترحة:

العزيز

كلمة (عزيز) في اللغة صيغة مبالغة على وزن (فعيل) وهو من العزّة،...

السبوح

كلمة (سُبُّوح) في اللغة صيغة مبالغة على وزن (فُعُّول) من التسبيح،...

الغفور

كلمة (غفور) في اللغة صيغة مبالغة على وزن (فَعول) نحو: شَكور، رؤوف،...

سورة الأعراف - الآية 148 : الترجمة الهندية

تفسير الآية

﴿وَاتَّخَذَ قَوْمُ مُوسَىٰ مِنْ بَعْدِهِ مِنْ حُلِيِّهِمْ عِجْلًا جَسَدًا لَهُ خُوَارٌ ۚ أَلَمْ يَرَوْا أَنَّهُ لَا يُكَلِّمُهُمْ وَلَا يَهْدِيهِمْ سَبِيلًا ۘ اتَّخَذُوهُ وَكَانُوا ظَالِمِينَ﴾

التفسير

और मूसा की जाति ने उसके (पर्वत पर जाने के) पश्चात् अपने आभूषणों से एक बछड़े की मूर्ति बना ली, जिससे गाय के डकारने के समान ध्वनि निकलती थी। क्या उन्होंने ये नहीं सोचा कि न तो वह उनसे बात[1] करता है और न किसी प्रकार का मार्गदर्शन देता है? उन्होंने उसे बना लिया तथा वे अत्याचारी थे।

المصدر

الترجمة الهندية