البحث

عبارات مقترحة:

القريب

كلمة (قريب) في اللغة صفة مشبهة على وزن (فاعل) من القرب، وهو خلاف...

الواحد

كلمة (الواحد) في اللغة لها معنيان، أحدهما: أول العدد، والثاني:...

البر

البِرُّ في اللغة معناه الإحسان، و(البَرُّ) صفةٌ منه، وهو اسمٌ من...

سورة الممتحنة - الآية 10 : الترجمة الهندية

تفسير الآية

﴿يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا إِذَا جَاءَكُمُ الْمُؤْمِنَاتُ مُهَاجِرَاتٍ فَامْتَحِنُوهُنَّ ۖ اللَّهُ أَعْلَمُ بِإِيمَانِهِنَّ ۖ فَإِنْ عَلِمْتُمُوهُنَّ مُؤْمِنَاتٍ فَلَا تَرْجِعُوهُنَّ إِلَى الْكُفَّارِ ۖ لَا هُنَّ حِلٌّ لَهُمْ وَلَا هُمْ يَحِلُّونَ لَهُنَّ ۖ وَآتُوهُمْ مَا أَنْفَقُوا ۚ وَلَا جُنَاحَ عَلَيْكُمْ أَنْ تَنْكِحُوهُنَّ إِذَا آتَيْتُمُوهُنَّ أُجُورَهُنَّ ۚ وَلَا تُمْسِكُوا بِعِصَمِ الْكَوَافِرِ وَاسْأَلُوا مَا أَنْفَقْتُمْ وَلْيَسْأَلُوا مَا أَنْفَقُوا ۚ ذَٰلِكُمْ حُكْمُ اللَّهِ ۖ يَحْكُمُ بَيْنَكُمْ ۚ وَاللَّهُ عَلِيمٌ حَكِيمٌ﴾

التفسير

हे ईमान वालो! जब तुम्हारे पास मुसलमान स्त्रियाँ हिजरत करके आयें, तो उनकी परीक्षा ले लिया करो। अल्लाह अधिक जानता है उनके ईमान को, फिर यदि तुम्हें ये ज्ञान हो जाये कि वे ईमान वालियाँ हैं, तो उन्हें वापस न करो[1] काफ़िरों की ओर। न वे औरतें ह़लाल (वैध) हैं उनके लिए और न वे (काफ़िर) ह़लाल (वैध) हैं उन औरतों के लिए।[2] और चुका दो उन (काफ़िरों) को, जो उन्होंने ख़र्च किया हो तथा तुमपर कोई दोष नहीं है कि विवाह कर लो उनसे, जब दे दो उन्हें उनका महर (स्त्री उपहार) तथा न रखो काफ़िर स्त्रियों को अपने विवाह में तथा माँग लो जो तुमने ख़र्च किया हो और चाहिये कि वे (काफ़िर) माँग लें, जो उन्होंने ख़र्च किया हो। ये अल्लाह का आदेश है, वह निर्णय कर रहा है तुम्हारे बीच तथा अल्लाह सब जानने वाला, गुणी है।

المصدر

الترجمة الهندية