الحيي
كلمة (الحيي ّ) في اللغة صفة على وزن (فعيل) وهو من الاستحياء الذي...
मदीना के वासियों तथा उनके आस-पास के देहातियों के लिए उचित नहीं था कि अल्लाह के रसूल से पीछे रह जायें और अपने प्राणों को आपके प्राण से प्रिय समझें। ये इसलिए कि उन्हें अल्लाह की राह में कोई प्यास और थकान तथा भूक नहीं पहुँचती है और न वे किसी ऐसे स्थान को रोंदते हैं, जो काफ़िरों को अप्रिय हो या किसी शत्रु से वह कोई सफलता प्राप्त नहीं करते हैं, परन्तु उनके लिए एक सत्कर्म लिख दिया जाता है। वास्तव में, अल्लाह सत्कर्मियों का फल व्यर्थ नहीं करता।